आज मैं आपको यह बताता हूं कि Keylogger Kya Hai एक छोटा सा सॉफ्टवेयर कैसे आपकी जिंदगी तबाह कर सकता है अब वो सॉफ्टवेयर आपके स्मार्टफोन या फिर लैपटॉप या टैबलेट में काफी आसानी से आ सकता है या नही तो चलिए शुरू करते है।
इंडिया अभी साइबर क्रिमिनल्स का हब बना हुआ है इस वक्त साइबर क्राइम्स काफी तेजी से हो रहे हैं और keylogger एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो साइबर क्राइम वाले काफी यूज करते हैं और क्या keylogger आपकी जिंदगी तबाह कर सकता है कीलॉगर क्या होता है यह भी जानेंगे कीलॉगर कैसे काम करता है और आप इससे कैसे बच सकते हैं इस अर्टिकल में सब कुछ जानेंगे आप आर्टिकल पूरा जरूर पढ़े!
Keylogger Kya Hai?
तो कीलॉगर एक टूल है मतलब अगर आप मैलवेयर का नाम सुनते हैं वायरस का नाम सुनते हैं तो इसे भी आप उसी कैटेगरी में रखें , क्योंकि कीलॉगर करता क्या है कि जैसा कि नाम है कीलॉगर; लॉग मींस लॉग तैयार करता है और की मींस चाबी जैसे की Key का हिंदी अर्थ चाबी होता है बट अगर कीबोर्ड आप यूज करते हैं तो आप की जो बटन होती है उसे भी आप की कहते हैं। इंग्लिश थोड़ा ट्रिकी है इंग्लिश में एक वर्ड के कई सारे मीनिंग्स होते हैं तो कीलॉगर के बारे में जानते हैं तो कोई भी सॉफ्टवेयर कोई भी ऐसा टूल जो आपके फोन या फिर किसी भी डिवाइस लैपटॉप हो गया, टैबलेट हो गया, फोन, किसी भी डिवाइस का पूरा डाटा किसी और को रिमोट ट्रांसफर करता है उसे आप कीलॉगर कह सकते हैं।
क्या क्या डाटा ट्रांसफर करता है Keylogger?
अब क्या-क्या डाटा आपके फोन का ट्रांसफर करता है ए टू जी डाटा मतलब शुरू से लेकर के आखिर तक जो भी डाटा होता है आप फोन पे किससे बातें कर रहे हो आप स्क्रीन पे क्या देख रहे हैं आपका फ्रंट कैमरे का एक्सेस या फिर बैक कैमरे का एक्सेस कॉल रिकॉर्डिंग किससे बातें कर रहे हैं किससे चैट कर रहे हैं आसपास आपके क्या बातें हो रही हैं वो सब कुछ रिकॉर्ड करके साइब क्रिमिनल्स को ए मिनट दर मिनट भेजता रहता है उसमें सेट करने का ऑप्शन होता है!
मिनट, घंटे अब टाइम सेट किया जा सकता है जिसे वो भेजता रहता है अब जाहिर सी बात है आपका जो फ्रंट कैमरा है उससे वो लगातार रिकॉर्डिंग कर सकता है बैक कैमरे से रिकॉर्डिंग कर सकता है सेल्फी क्लिक कर सकता है और सबसे डेंजरस यह है कि आपको इस बात का पता भी नहीं चलेगा कि आपका फोन आपकी सारी चीजें रिकॉर्ड कर रहा है।
अब सवाल ये होता है कि जो आसपास की रिकॉर्ड जो आवाज होती है फॉर एग्जांपल आप किसी और से बात कर रहे हैं वो कैसे रिकॉर्ड करता है तो मोबाइल में इनबिल्ट माइक्रोफोन होता है और माइक्रोफोन की इतनी रेंज होती है कि जो थोड़े दूर का जो एरिया होता है उतना कवर कर लेता है तो अगर फोन कहीं पर रखा हुआ है और आप किसी से बातें कर रहे हैं तो साइबर क्रिमिनल्स वो भी सुन सकते हैं माइक्रोफोन के एक्सेस के जरिए इन सब के अलावा बैंकिंग पासवर्ड मतलब आप ये समझ लो कि उनके लिए कोई भी चीज मुश्किल नहीं है आपके फोन से रिट्रीव करना! क्योंकि आपके फोन में जो कुछ भी है वो 100% साइबर क्रिमिनल्स के एक्सेस में जा सकती है।
एक सिर्फ हर्डल ये है कि वो जो डाटा है सारे फोन का वह उसे इंटरनेट के जरिए वह साइबर क्रिमिनल्स के पास ट्रांसफर होता है जिसमें थोड़ा सा टाइम लगता है बट इन दिनों डाटा फ्री हो गया है और मतलब ऑलमोस्ट फ्री है; काफी सस्ता इंटरनेट है तो जिससे डाटा ट्रांसफर भी काफी आसानी से होता है।
साइबर क्रिमिनल्स आपका डाटा ले लेते हैं सवाल अब ये उठता है कि यह आपके फोन में कैसे आ सकता है और यह इसकी अवेलेबिलिटी क्या है कीलॉगर सॉफ्टवेयर की? तो कीलॉगर टूल ज्यादातर साइबर क्रिमिनल्स यूज करते हैं और इन सॉफ्टवेयर को यूज करने के लिए कोई रॉकेट टेक्नोलॉजी आने की जरूरत नहीं है काफी इजी टू यूज सॉफ्टवेयर होते हैं ।
आपके फोन मे कैसे हो सकता है Keylogger इंस्टॉल?
Keylogger Software आपके फोन या फिर लैपटॉप में बहुत तरीके से आ सकते हैं ईमेल अटैचमेंट के जरिए या फिर किसी भी मैसेजिंग ऐप के जरिए आपके फोन में आ सकते हैं और एपीके! जो आप थर्ड पार्टी इंस्टॉल करते हैं मेरी सजेशन ये होगी कि आप वो सब ना करें क्योंकि जो भी थर्ड पार्टी एपीके होते हैं चांसेस होते हैं कि उनके साथ अटैच हो कर के कुछ मैलवेयर या फिर की लगर आ सकते हैं ।
Keylogger Softwares से कैसे बचे?
आपके पास कि कोई भी पॉपअप अगर ओपन होता है! आप वेबसाइट ओपन करते हैं किसी भी मोबाइल ब्राउजर में तो वहां पर क्लिक ना करें क्योंकि पॉपअप के साथ किसी दूसरे विंडो में आपको कब वो Keylogger Software डाउनलोड हो जाएगा आपको पता नहीं चलेगा; कई बार सपोर्ट के नाम पर भी साइबर क्रिमिनल्स आपको आपके फोन में एनी डेस्क या फिर एनी एडमिन या फिर टीम ववर इंस्टॉल करवाते हैं उसके बाद वो आपको पता नहीं चलता है लेकिन रिमोट कंट्रोल से वो आपके फोन में Keylogger Software इंस्टॉल कर जाते हैं और Keylogger फिर आपके फोन में डिटेक्ट करना मुश्किल हो जाता है।
कैसे डिटेक्ट करे Keylogger Softwares को?
आखिर सवाल ये है कि अगर आपके फोन में, लैपटॉप में कीलॉगर है तो डिटेक्ट कैसे करें तो जो हाई लेवल के कीलॉगर होते हैं वो डिटेक्ट करना ऑलमोस्ट इंपॉसिबल होता है अगर आपके फोन में कुछ साइंस दिख रहे हैं हैकिंग के तो फोन को फैक्ट्री रिसेट करना ही समझदारी है अदर वाइज वो सिस्टम फाइल में उन्हें रखा जाता है और उनका नाम ऐसा रखा जाता है कि आप अगर मैनुअली या फिर कोई एंटीवायरस सॉफ्टवेयर के जरिए ढूंढने की कोशिश करेंगे तो वह डिटेक्ट नहीं होगा तो आप हमें कमेंट बताएं अगर आप भी इस तरह के सॉफ्टवेयर से शिकार हुए हैं या फिर आपने भी अपने फोन में कुछ अनयूजुअल चीज नोटिस करी है तो हमें कमेंट में जरूर बताएं ।